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14 अस्पतालों में होंगे आधुनिक उपकरण स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने 9.80 करोड़ की वित्तिय स्वीकृति प्रदान की

  • 02-Dec-2025

उत्तर प्रदेश के 14 सरकारी अस्पतालों में आधुनिक चिकित्सा उपकरण स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने इन अस्पतालों के लिए कुल 9.80 करोड़ रुपये की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। सरकार का कहना है कि इससे जिला स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएँ और मजबूत होंगी तथा मरीजों को गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराया जा सकेगा। श्री पाठक ने सोमवार को कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए लगातार प्रयासरत है। जहां ड्यूटी से गायब रहने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, वहीं अस्पतालों में संसाधन बढ़ाकर मरीजों के उपचार को बेहतर बनाने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उपकरणों की उपलब्धता से जांच एवं उपचार सेवाओं में तेजी आएगी और मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि लखनऊ के बीकेटी स्थित साढ़ामऊ रामसागर मिश्र संयुक्त चिकित्सालय को 2.70 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है, जिससे आधुनिक उपकरण खरीदे जाएंगे। बलरामपुर जिला महिला चिकित्सालय में 1.52 करोड़ रुपये से उपकरण स्थापित होंगे। रायबरेली जिला चिकित्सालय के लिए 1.56 करोड़ रुपये, महाराजगंज संयुक्त चिकित्सालय के लिए 1.16 करोड़ रुपये तथा कानपुर नगर के एएचएम डफरिन चिकित्सालय के लिए 16.47 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। बागपत संयुक्त चिकित्सालय को 28.55 लाख रुपये, गोरखपुर के 100 शैय्या क्षय रोग सह सामान्य चिकित्सालय के लिए 51.59 लाख रुपये, तथा गोरखपुर जिला चिकित्सालय के लिए 78.45 लाख रुपये प्रदान किए गए हैं। हमीरपुर के दीवान शत्रुघ्न सिंह संयुक्त चिकित्सालय को 3.35 लाख रुपये, जबकि बस्ती के हरैया 100 शैय्या महिला चिकित्सालय को 8.68 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है। इटावा के डॉ. भीमराव आंबेडकर संयुक्त जिला चिकित्सालय के लिए 38.96 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। श्री पाठक ने बताया कि वाराणसी के मानसिक चिकित्सालय में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज के भवन निर्माण हेतु उपलब्ध कराई गई भूमि से चिकित्सालय परिसर को पृथक करने के लिए चहारदीवारी निर्माण हेतु 1.27 करोड़ रुपये अवमुक्त किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी अस्पतालों में उपकरण उपलब्ध होने से जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर बेहतर होगा और मरीजों को किसी भी जांच या उपचार के लिए अन्यत्र जाने की आवश्यकता कम पड़ेगी।