नई दिल्ली। भारत ने अयोध्या में राम मंदिर पर ध्वज स्थापना के बारे में पाकिस्तान की टिप्णाी को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि पाकिस्तान का अल्पसंख्यकों के साथ बुरे बर्ताव का रिकार्ड जग जाहिर है और ऐसे में उसे भारत को नैतिक उपदेश देने का अधिकार नहीं है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बुधवार को यहां मीडिया ब्रीफिंग में सवालों के जवाब में कहा, हमने पाकिस्तान की टिप्पणी देखी है और हम उसे उसी अवमानना के साथ खारिज करते हैं जिसके वे हकदार हैं। एक ऐसे देश के तौर पर जिसका अपने अल्पसंख्यकों के दमन, कट्टरता और व्यवस्थित बुरे बर्ताव का दागदार रिकार्ड है, पाकिस्तान के पास दूसरों को उपदेश देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
प्रवक्ता ने कहा कि खोखले पाखंडी उपदेश देने के बजाए पाकिस्तान के लिए बेहतर होगा कि वह अपने अंदर झांके और अपने खराब मानवाधिकार रिकार्ड पर ध्यान दे।
उन्होंने कहा कि जहां तक मानवाधिकार का सवाल है पाकिस्तान को अपनी गिरेबां में झांकना होगा क्योंकि दुनिया को पता है कि पाकिस्तान में मानवाधिकार का हनन हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या स्थित राममंदिर पर ध्वज स्थापना की थी जिसके बाद पाकिस्तान ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि इससे भारत में अल्पसंख्यकों पर दबाव बढेगा।
हसीना के प्रत्यर्पण पर समय आने पर लिया जायेगा निर्णय
नई दिल्ली। भारत ने कहा है कि उसे बंगलादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण के बारे में अनुरोध मिला है और समय आने पर इस पर निर्णय लिया जायेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बुधवार को यहां ब्रीफिंग में सुश्री हसीना के प्रत्यर्पण से संबंधित सवाल पर पुष्टि की कि भारत को बंगलादेश से सुश्री हसीना के प्रत्यर्पण का अनुरोध मिला है। उन्होंने कहा कि इसका अध्ययन किया जा रहा है और समय आने पर इस बारे में निर्णय लिया जायेगा। उल्लेखनीय है कि सुश्री हसीना ने उनकी सरकार के अपदस्थ किये जाने के बाद से भारत में शरण ली हुई है। बंगलादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने सुश्री हसीना को मौत की सजा सुनाई है।