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शांति की भाषा न समझने वालों को करारा जवाब है ऑपरेशन सिंदूर

  • 03-Dec-2025

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत एक शांति प्रिय राष्ट्र है लेकिन बुरी नीयत रखने वालों को बख्शता नहीं है और ऑपरेशन सिंदूर इसी बात का प्रमाण है कि शांति और सद्भाव की भाषा न समझने वालों को भारत करारा जवाब देता है। श्री राजनाथ ने मंगलवार को गुजरात के वडोदरा में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के तहत मेरा युवा भारत द्वारा आयोजित 'एकता मार्च' पर सरदार सभा को संबोधित करते हुए ऑपरेशन सिंदूर को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए सशस्त्र बलों के साहस और समर्पण की सराहना की ।उन्होंने कहा कि इस अभियान ने स्पष्ट संकेत दिया है कि हम शांति प्रिय राष्ट्र हैं, जो किसी देश को उकसाते नहीं, लेकिन यदि कोई उकसाये तो उसे बख्शते भी नहीं हैं। उनका कहना था कि भारत की इसी विशेष पहचान के कारण पूरी दुनिया आज हमारे सैनिकों की वीरता और क्षमता को स्वीकार कर रही है। रक्षा मंत्री ने कहा कि सरदार पटेल ने हमेशा संवाद के ज़रिए समस्याओं को सुलझाने की कोशिश की लेकिन ज़रूरत पड़ने पर कभी भी साहसी रास्ता चुनने में हिचकिचाए नहीं, जैसा कि हैदराबाद के भारत में विलय के मामले में हुआ था। देश को एक करने में अहम योगदान देने वाले सरदार पटेल का 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का सपना मोदी सरकार में और मज़बूत हुआ है। अनुच्छेद 370 को हटाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस निर्णय ने जम्मू-कश्मीर को देश की मुख्यधारा में पूरी तरह से जोड़ दिया गया है। सरदार पटेल द्वारा दिखाये गये रास्ते पर चलकर भारत आज अपनी शर्तों पर विश्व से संवाद कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की बात ध्यानपूर्वक सुनी जाती है। भारत एक बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की दिशा में अग्रसर है। यह सरदार पटेल के अमूल्य योगदान का परिणाम है। आज हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है तथा शीघ्र ही शीर्ष तीसरी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। 'न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' के लक्ष्य के साथ काम कर रही मोदी सरकार राजनीतिक और भौगोलिक एकता के ज़रिए यह एक स्वतंत्र राष्ट्र की सरदार पटेल की विरासत को आगे बढ़ा रही है और 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत'के विज़न के साथ आगे बढ़कर हमारा लक्ष्य 2047 तक एक विकसित भारत का निर्माण करना है। भारत एक बड़ी आर्थिक और सामरिक शक्ति बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब 2029 तक हमारा ध्यान तीन लाख करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादन एवं 50,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात के लक्ष्य को प्राप्त करने पर केंद्रित है। कार्यक्रम में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, श्रम एवं रोजगार तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम तथा श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री श्रीमती शोभा करंदलाजे और राज्य सरकार के मंत्री तथा अधिकारी उपस्थित थे।